Tuesday 26 January 2016

तारे शहर से डरते हैं क्या

सोचा कि बाहर बालकनी में जाकर टूटता हुआ तारा देखूं और मांग लूं तुम्हें। टूटता हुआ तो क्या कोई तारा भी नहीं दिखा।
ये शहरों में तारे नहीं होते क्या? शायद शहरों में सितारे होते हैं स्टार।
सितारे बनने के लिए पीछे छोड़ने पड़ते हैं तारे। लाखों तारों से भरा आसमान छोड़कर ही तो बनते हैं लाखों कमाने वाले स्टार।
मैं आँखें बंद करता हूं तो लगता है आसमान के सारे तारे टूट रहे हैं।

(फोटो: सुमेर सिंह राठौड़)


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