प्रश्न : कविता की जरूरत क्या है ?
“बेन ओकरी : वर्तमान दुनिया में जहां बंदूकों की होड़ लगी हुई है, बम-बारूदों की बहसें जारी हैं और इस उन्माद को पोसता
हुआ विश्वास फैला है कि सिर्फ हमारा पक्ष, हमारा धर्म, हमारी राजनीति ही सही है,
दुनिया युद्ध की ओर एक घातक अंश पर झुकी हुई है। ईश्वर जानता है कि किसी भी समय
के मुकाबले हमें कविता की जरूरत आज कहीं ज्यादा है।“Friday 17 March 2017
पुत्र के शिक्षक को अब्राहम लिंकन का पत्र
सम्माननीय सर
P.C.-Peeyush Parmar |
केदारजी की कविताओं में दूब
केदारनाथ सिंह के लिए पृथ्वी मनुष्य का घर है इसीलिए यह सुन्दर और
समर्थ है। केदारजी की कविताओं में अकाल में भी दूब बची रह जाती है। दूब में आशा-विश्वास
और जीवन सौन्दर्य की अनुभूति है। दुःख अनिवार्य है इसीलिए केदार जी की कविताओं में
वह सहज-साधारण और खूबसूरत है। अगर स्मृति और साहस हो तो दुःख के बीच से ही आनंद का
रास्ता फूटता है।
“अभी बहुत कुछ बचा है
Thursday 16 March 2017
सुर का संघर्ष
परिंदे को एक गीत गाना था। गीत का ऊंचा सुर अपराध था, इसलिए गवाह बुलाए
गए। उसने आकाश को आवाज दी और रची एक अपनी जमीन। उसके गीत से बारिश हुई, बारिश से उसके
पंख भींगे, भींगे पंखों से उसने एक ऊंची उड़ान भरी। इंसान की आत्माएं मर रही थीं। परिंदे
ने गीत का सबसे ऊंचा आपराधिक सुर इंसान की आत्मा की सांस से जोड़ा और बसंत लिए जीवन
लौट आया। दुनिया खूबसूरत हो गयी।
P.C.- Peeyush Parmar |
Subscribe to:
Posts (Atom)