बहुत उम्मीद के
साथ मैं इस रास्ते की ओर देख रहा हूँ। उम्मीद इस बात की कि शायद ये रास्ता मुझे ले जायेगा
एक ऐसी जगह, जहाँ सिर्फ इन्सान होंगे, इंसानों में प्यार होगा और ये प्रकृति
होगी। प्रकृति जो हमारी जरूरतों और विलासिता में कहीं खो गयी है। ये रास्ता मुझे ले
जायेगा एक ऐसी दुनिया में जो बेहद खूबसूरत होगी जहाँ जाति, धर्म, क्षेत्र, संप्रदाय, पंथ और पूँजी की ओछी राजनीति नहीं
होगी।
चित्र : अजय कुमार |
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