नायिका जा रही थी और नायक... चुपचाप देख रहा था। उसे रोक कर अपने आलिंगन
पाश में बाँध लेने के लिये, मगर मजबूर था। क्योंकि नायिका ने अपना अंतिम निर्णय
सुना दिया था। उधर वो भी बेचैन थी, मन ही मन में उसने कहा 'मैं अभी भी तुम्हारी हूँ', और नायक बस रो पड़ा, वह सोच रहा था
'किस अधिकार से कहूँ कि तुम
मेरी हो? तुमने तो सारे अधिकार ही छीन लिए हैं मुझसे...!'
चित्र : सचिन भाटिया |