Thursday 21 January 2016

नींद से बगावत

सपने रात की पूंजी हैं यह पूंजी ही हमें आकर्षित करती है कि हम रात की गोद में खुद को सौंप दें नींद एक पवित्र और अनिवार्य लालच के सामने जीव का समर्पण मात्र है जब जीवन यथार्थ के खुरदरी जमीन पर रगड़ खा रहा होता है और सपने साँस लेना बंद कर देतें हैं, उस वक्त नींद विदा ले लेती है रात का सत्य जानना हो तो सपनों और नींद से बगावत कर दो

(फोटो: सुमेर सिंह राठौड़)

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