बिंब ही बांधने हैं तो भइया कवि बन
जाओ. क्या जरुरत है जबरदस्ती गद्य में फैल मचाने की. लोगों का वक्त खाओगे बस. लिख
सकते हो तो सिंपल लिखो ताकि सब तक पहुंचे. पर ऐसा लिखो कि वो लड़का जो 10वीं में 3 बार फेल हुआ,
वो भी तुम्हें पढ़ना चाहे और पढ़ने के बाद अपनी पांचवीं पास अम्मा को
भी पढ़ाये. उसकी अम्मा जब तुम्हें आसानी से समझ लेगी तभी तुम्हारा लिखा सार्थक होगा.
Friday 27 May 2016
Tuesday 24 May 2016
तुम्हारा साथ ही मेरा स्वप्न है
यमुना का दिल गंगा में डूब गया है। एक
नदी जो किसी की आँख से बह निकली थी, आज
मेरे जीवन का अस्तित्व गढ़ती है। सृजन का अधूरापन ही उसका प्राण है। संभावनाएं उसकी
साँस बनती हैं। मैं तुम्हारी अनादि सर्जना हूँ और तुम मेरी अनन्त सम्भावना। सुबह
के निरभ्र आकाश की नीलिमा तुम्हारे आँखों की गवाही है। तुम दूर हो और मैं मजबूर
लेकिन सुबह की नींद में तुम्हारा साथ ही मेरा स्वप्न है।
चित्र : पीयूष |
Monday 2 May 2016
सफ़ेद बादल और कौओं के गीत
सुबहें चहचहाहट भूल गई। चरम पर पहुंची गर्मी में
ठंडा शरीर खिड़की पर लुढका रहता है। कातर निगाहों से सफेद बादल को गुजर जाने तक
तकती हैं आँखें।
सुनो किसी को झूठा इंतिज़ार कभी मत करवाना। जिसकी
छोटी सी दुनिया हो उसके लिए छोटे-छोटे वादे भी बहुत बड़े होते हैं।
दोपहरों में गौरेया नहीं बोलती, कौओं के गीत
उदास होते हैं। तुम दुआ करना मेरे लिए बड़ी दुनिया की ताकि छोटे वादे भूल जाऊं।
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