Monday 31 October 2016

एनकाउंटर का बुखार आया है...

दाग दाग उजाला ...

धाँय धाँय की आवाज...मार डालो काट डालो चीर डालो फाड़ डालो
इंसान नहीं हैं हम ... जानवर थे जानवर हैं
हम एक धर्म बनायेंगें ... लोगों को लूटेंगें
हम एक राष्ट्र बनायेंगें ... लोगों को मारेंगें
अमेरिका मुर्दाबाद ... हमें अमेरिका बनना है।
गाँधी जिंदाबाद ... हमें गोडसे की मूर्ति बनानी है।

चश्मों से दुनियाँ देखेंगें ... रंगीन दिखेगी 
17 मारो या 1700 तुम हत्यारे हो और हम बुझदिल

मारो ……………………………………………………………………………………
चित्र : सुमेर

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