Monday 29 February 2016

कहानियों का शहर

यह शहर कहानियों का शहर है। यहाँ बसतीं हैं कहानियां, अनगिनत कहानियां, इंसानों से अधिक कहानियां। सड़क पर चलते, बस में सफ़र करते, या मेट्रो रेल में, 'हर रोज़ दिखती हैं हज़ारों कहानियां। हर आदमी के पास कोई न कोई कहानी है। हर आदमी बेताब है अपनी सुनाने को। बस यही बात है इस शहर की यहाँ कहानियां सुनाने की उत्सुकता है सुनने की नहीं, और इसी तरह मर जातीं हैं बहुत सी कहानियां अनकही।

चित्र : अजय कुमार 

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