मनुष्य की नैसर्गिक इच्छा स्वतंत्रता
की है और इसके लिए वह बंधन का रास्ता चुनता है। हम सामान्यत: शब्दों के सहारे खुद को व्यक्त करते रहते है परन्तु जीवन का सबसे
खुबसूरत पल वह होते हैं जहाँ शब्द न्यून हो जाते हैं और हम मुक्त हो जाते है। बंधन
के बीच पल रही आजादी और खुशियों का ही नाम है जिंदगी@75
75 शब्द में जीवन का एक कोना
जहाँ धूप भी है और
छाँव भी
No comments:
Post a Comment