एक
दोस्त है। दूर है नाराज़ है। वह चाँद को पसंद करता है और मैं जमीन को। वह वक्त को
मुट्ठी में बंद कर लेना चाहता है और मैं वक्त की धार में बहना चाह रहा हूँ। उसे
नींद प्यारी है और मुझे जागृति। वह सम्पूर्ण बनना चाहता है और अधूरापन ही मेरी
नियति है। वह गलती करना नहीं चाहता और मुझे गलतियों से सीखना अच्छा लगता है लेकिन वह मेरा है और मैं उसका।
(Photo; Sumer Singh Rathore)
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