Tuesday 8 March 2016

पंडवानी@DU

70 साल की औरत और महाभारत के रण की घनघोर गर्जना सी आवाज। तीजन बाई होना उम्र को चुनौती देना है। संगीत की लय में पिरोया गया एकल नाट्य अभिनय रंगमंच को नया 'स्पेस' उपलब्ध कराता है। पंडवानी लोक है जहाँ गति प्रवाह और जिजीविषा है। पंडवानी अतीत की याद है साथ ही भविष्य का स्वप्न भी। पंडवानी छत्तीसगढ़ की एक साँस है जिसकी भागीदारी भारत के जीवन में है। लोक दिल्ली पहुँच गया है।

चित्र साभार : अविनाश द्विवेदी 

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