परिंदे को एक गीत गाना था। गीत का ऊंचा सुर अपराध था, इसलिए गवाह बुलाए
गए। उसने आकाश को आवाज दी और रची एक अपनी जमीन। उसके गीत से बारिश हुई, बारिश से उसके
पंख भींगे, भींगे पंखों से उसने एक ऊंची उड़ान भरी। इंसान की आत्माएं मर रही थीं। परिंदे
ने गीत का सबसे ऊंचा आपराधिक सुर इंसान की आत्मा की सांस से जोड़ा और बसंत लिए जीवन
लौट आया। दुनिया खूबसूरत हो गयी।
P.C.- Peeyush Parmar |
No comments:
Post a Comment