Friday 17 March 2017

कवि मसीहा नहीं होता लेकिन उसकी कविता हमारी जिंदगी का जरूरी अंग है।

प्रश्न : कविता की जरूरत क्या है ?
“बेन ओकरी : वर्तमान दुनिया में जहां बंदूकों की होड़ लगी हुई है, बम-बारूदों की बहसें जारी हैं और इस उन्माद को पोसता हुआ विश्वास फैला है कि सिर्फ हमारा पक्ष, हमारा धर्म, हमारी राजनीति ही सही है, दुनिया युद्ध की ओर एक घातक अंश पर झुकी हुई है। ईश्वर जानता है कि किसी भी समय के मुकाबले हमें कविता की जरूरत आज कहीं ज्यादा है।“

No comments:

Post a Comment