Monday 11 July 2016

ईद की मुबारकबाद मुहब्बत के लिए...

ठांय ठांय की अावाज से गूंजता अासमान, लाल रंग मे रंगी सेवइयां, सफेद पैरहन पर जुलेखा के अाँसुओं के धब्बे और अांखों के पानी मे हिलती दुनियाँ। अाज ईद है और मैनें अपनी सारी प्रार्थनाएँ और मुबारकबाद मुहब्बत के लिए बचा कर रख ली है। एक पूरी रात केवल चांद को देखो और एक कविता लिखो। अगर तुम्हारे अंदर मुहब्बत के लिए प्रार्थना है तो वह दुनियाँ की सबसे खूबसूरत कविता होगी। मुहब्बत जिंदाबाद रहे।

(फोटो: सुमेर)

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