Saturday 27 August 2016

स्मार्ट शहर

अरसे बाद जब मैं अपने शहर पहुंचा तो देखा वहां सड़कों पर गढ्ढे नहीं थे बिजली भी कभी कभी कटती थी। हर जरूरी चीज अब आसानी से मिलने लगी, यहाँ तक की अच्छी नौकरी भी। लेकिन चिलचिलाती धूप से जलती गगनचुम्बी कंक्रीट की दीवारों में वो सुकून नहीं मिला जिसके लिये मैं वापस लौटा था। गंगा में पहले जैसा प्रवाह भी नहीं था। जानते हो क्यों?
क्योंकि मेरा शहर अब स्मार्ट सिटी बनने वाला है।

चित्र : अजय कुमार 

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