अरसे बाद जब मैं अपने शहर
पहुंचा तो देखा वहां सड़कों पर गढ्ढे नहीं थे बिजली भी कभी कभी कटती थी। हर जरूरी
चीज अब आसानी से मिलने लगी, यहाँ तक की अच्छी नौकरी भी। लेकिन
चिलचिलाती धूप से जलती गगनचुम्बी कंक्रीट की दीवारों में वो सुकून नहीं मिला जिसके
लिये मैं वापस लौटा था। गंगा में पहले जैसा प्रवाह भी नहीं था। जानते हो क्यों?
क्योंकि मेरा शहर अब
स्मार्ट सिटी बनने वाला है।
No comments:
Post a Comment